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भवन [संशोधन ]
भावना (पाली; संस्कृत, भवाना) का शाब्दिक अर्थ है "अस्तित्व में बुलावा" के अर्थ में "विकास" या "खेती" या "उत्पादन"। बौद्ध प्रक्सिस (पतिपट्टी) में यह एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। शब्द भवना सामान्य रूप से दूसरे शब्द के साथ संयोजन में प्रकट होता है जिसमें एक संक्षिप्त शब्द जैसे कि सांता-भवना (दिल / मन का विकास या खेती) या मेटा-भवानी (दयालुता का विकास / खेती) है। जब अपने स्वयं के भाव पर प्रयोग किया जाता है तो आमतौर पर चिंतन और 'आध्यात्मिक खेती' का संकेत मिलता है।
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